जाने कहाँ गए वो……….मुकेश जी

चाहे दर्द का गीत हो या फिर प्यार का, मुकेश जी की आवाज ने जिंदगी के हर जज्बातों को अपने सुरों से सजाया। आज 22 जुलाई को मुकेश जी के  जन्मदिवस के अवसर पर रूबरू होते है उनकी जिंदगी के कुछ पहलुओं से :मुकेश जी

इनका पूरा नाम मुकेश चन्द्र माथुर था बचपन से ही संगीत में इनकी गहन रूचि थी। मुकेश जी के दूर के रिश्तेदार मोतीलाल इनके गॉड फादर थे, जिन्होंने मुकेश जी को गायिकी की दुनिया दिखाई। इन्होंने पंडित जगन्नाथ प्रसाद से संगीत की शिक्षा ली और फिर फिल्मों में गाना शुरू किया।

मुकेश जी ने बतौर एक्टर फिल्मों में भी काम किया लेकिन एक्टिंग की दुनिया उनको रास न आई और उनकी फिल्में नहीं चली। तब मुकेश जी ने निर्णय लिया कि वह सिर्फ गायकी ही करेंगे।

मुकेश जी के एल सहगल साहब के बहुत बड़े प्रशंसक थे, जिससे शुरुआत में उनकी गायकी में भी सहगल साहब की झलक दिखती थी परन्तु धीरे -धीरे 40 के दशक में उन्होंने अपनी गायकी का एक अलग अंदाज बनाया। इस समय नौशाद के साथ उनकी जुगलबंदी एक के बाद एक सुपरहिट गाने दे रही थी और उस दौर में मुकेश की आवाज में सबसे ज्यादा गीत फिल्माए गए दिलीप कुमार पर, परन्तु बाद में 50 के दशक में जब रफ़ी साहब दिलीप कुमार के लिए गाने लगे तो मुकेश जी अपने जिगरी दोस्त राजकपूर की आवाज बन शोहरत की ऊंचाईयां छूईं ।

मुकेश जी ने लगभग सभी बड़े संगीत निर्देशकों के साथ काम किया। जिनमें  शंकर-जयकिशन, नौशाद, सलिल चौधरी, कल्याण जी–आनन्द जी, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, आर डी बर्मन और खैयाम के नाम शामिल थे।

मुकेश जी की आवाज सभी हीरो के साथ सटीक बैठती थी। चाहे वह राजकपूर हों या  शशि कपूर, शम्मी कपूर, दिलीप कुमार, मनोज कुमार या फिर अमिताभ बच्चन, पर सबसे ज्यादा उन्होंने राजकपूर के लिए गाने गाये।

राजकपूर जी तो यहाँ कहते थे कि मैं शरीर हूँ तो मुकेश मेरी आत्मा और उनके न रहने पर दुःख भरे शब्दों में राजकपूर जी ने कहा, मेरी आवाज हमेशा के लिए ख़त्म हो गई।

सन् 1976 में मुकेश जी अमेरिका गए जहाँ लताजी के साथ उनका लाइव शो था, वहीं पर हार्टअटैक के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

 

पहले ‘शो मैन’ राजकपूर की आवाज बन ‘जीना यहां मरना यहां इसके सिवा जाना कहां’ (फिल्म – मेरा नाम जोकर) जिंदगी के मायने बड़े ही सुरीले अंदाज में मुकेश ने अपनों गानों के जरिए पेश किए। साल 1974 में ‘कई बार यूं भी देखा है’ (रजनीगंधा) के गाने के लिए मुकेश को नेशनल फिल्म अवॉर्ड दिया गया।

कुछ गाने सदाबहार होते हैं । ये कभी भी पुराने नहीं होते। आइये सुनते है मुकेश जी की आवाज में फिल्म मेरा नाम जोकर और रजनीगंधा के गीत :

 

मुकेश के दर्द भरे नगमें :

https://www.youtube.com/watch?v=Sp2g0sCu7DA

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