श्रावणी (सावन) पूर्णिमा (रक्षाबंधन पर्व)

श्रावण (सावन) मास (महीना) के अंतिम दिन पूर्णिमा की तिथि को रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के मधुर प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन के पवित्र दिन बहनें अपने भाई की सलामती और कामयाबी कामना करती हैं और उन्हें रक्षा-सूत्र (राखी) बाधतीं हैं,साथ ही भाई भी तन-मन-धन से बहन के हितरक्षा का वचन लेते हैं और बहनों को उपहार प्रदान करते हैं। हिंदी सिनेमा में भी रक्षाबंधन पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता रहा है। सावन के श्रृंखलाबद्ध कड़ियों के सन्दर्भ आइये सुनते हैं,षष्ठं और अंतिम कड़ी [श्रावणी (सावन) पूर्णिमा (रक्षाबंधन पर्व)] में रक्षाबंधन पर्व के गीत:

भईया मेरे राखी के बंधन को ना भुलाना :

सावन के गीत-श्रृंखलाबद्ध कड़ियों में-पंचम कड़ी-सावन की अगन (श्रृंगार रस के वियोग भाव के गीत):

सावन की अगन (श्रृंगार रस के वियोग भाव के गीत)

 

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