याद करो कुर्बानी (स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या)

सन् 1947 में सैकड़ों वर्षों से गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ हमारा भारत देश आजाद हुआ था। यह आजादी उन लाखों लोगों के त्याग और बलिदान स्वरूप हमें मिला है, जियाद करो कुर्बानीन्होंने देश के लिए अपना तन-मन-धन सब हँसते- हँसते न्यौछावर कर दिया। देश के उन महान सपूतों की आहुति की बदौलत ही आज हम स्वतन्त्र भारत में साँस ले रहे हैं। हम सभी भारतवाशी और हमारी आने वाली पीढ़ीयां ताउम्र भारतीय सवतंत्रता सेनानियों के ऋणी रहेंगे। इसलिए इनके संघर्षों को याद करना और आने वाली पीढ़ीयों को उनसे रूबरू कराना प्रत्येक भारतवाशियों का फर्ज है। आइये हम सब मिलकर स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर मातृभूमि को नमन करते हैं और देश के महान सेनानियों को याद करते हुए सुनते हैं कुछ देशभक्तिपूर्ण गीत- संगीत:

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