आज विश्व रेडियो पर विविध भारती सेवा का आप सभी को अभिनन्दन।
विविध भारती पर इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम ‘हवाओं पे लिख दो‘ प्रस्तुत करेंगे आपके यूनुस खान दोपहर बाद 2:30 बजे। इस कार्यक्रम को आप इस वेब साइट पर और एप पर कम्प्यूटर और अपने फोन पर भी सुन सकते हैं।
यूनुस जी के शब्दों मे:
कभी वॉल्व वाले सजीले रेडियो सेट होते थे, पूरे परिवार के लाडले। आज रेडियो मोबाइल में भी है। गाड़ी में भी। घर पर तो कई रूपों में है। मोबाइल एप के रूप में भी है और वेब स्ट्रीमिंग के रूप में भी। रेडिओ ने कभी सरहदों के दायरे नहीं माने। आवाज़ें सरहदों और समंदर के आर पार छनती रहीं। रेडियो ने दिलों को जोड़ा। रेडियो दिल में उतरा। जिंदगी का सुरीला साथी बना। आपदाओं में रेडियो सूचना का जरिया बना।
बचपन में जिन महान प्रसारकों को सुना। अवचेतन पर जिनकी छाप पड़ी, उनको सलाम। सलाम इस पेशे को, जिसने हमारी ज़िन्दगी को संवारा। सलाम सभी सुनने वालों को, जिन्होंने अच्छे काम की दाद दी और गलतियों पर ध्यान खिंचा। रेडियो ज़िंदाबाद।
मजरूह ने कितना सही फ़रमाया है–हम तो आवाज़ हैं दीवारों से छन जाते हैं।