आज हिन्दी फिल्मों के मशहूर पार्श्व गायक मुकेश कुमार जी का जन्म दिन है। विविध भारती सेवा की प्रसिद्ध उद्घोषक रेडियो सखी ममता सिंह जी ने लिखा है,
आज है महान गायक मुकेश का जन्मदिन ….याद आ रहे हैं उनके अनगिनत गाने …कोई ऐसी अंत्याक्षरी नहीं होती जिसमे मुकेश के गीत न गाये जाते हों ….ख़ास तौर पर ये गाना – डम डम डिगा डिगा मौसम भीगा भीगा….|यही नहीं कोई ऐसा टूटा दिल न होगा जिसने मुकेश के दर्द भरे नगमे गुनगुना कर अपनी तक़लीफ़ पर उनके गानों का फाहा न लगाया हो या अपनी आँखें नम न की हों…… ..यूनिवर्सिटी..कॉलेज के कैम्पस का कोई फंक्शन हो …गली कूचे या चौराहे का लाऊड स्पीकर हो या घर का म्यूजिक सिस्टम …हर जगह मुकेश की आवाज़ गूंजती थी ……उनकी दर्दीली आवाज़ दिल की गहराई तक असर करती है । उनकी आवाज़ का दर्द ही है जो आज भी ग़म के पलों में उनके नगमे गुनगुना कर सुकून पाते हैं लोग ।
मुकेश के गाये तमाम गाने हैं जो आज भी ज़ुबाँ पर ठहरे हैं …..चांदी की दीवार न तोड़ी ….
मुझको इस रात की तनहाई में ……
जिस दिल में बसा था प्यार तेरा ….
ओ जाने वाले हो सके …
आंसू भरी हैं ये जीवन की रहें …….
अब कितने गानों का ज़िक्र यहाँ करूं … प्रिय गायक मुकेश की आवाज़ को सलाम!
आइये अभी आपको सुनाते/दिखाते हैं, मुकेश जी का गाया हुआ, आनन्द फिल्म का सुरीला गीत: कहीं दूर जब दिन ढल जाये।